“चदरिया झीनी रे झीनी” कहानी संग्रह हेतु रचनाएँ आमंत्रित

आप सभी जानते हैं कि बिना कोई शुल्क लिए यहाँ से विभिन्न साझा संग्रह निकलते रहते हैं. रचनाकारों से अनुरोध कर अप्रकाशित रचनाएँ लेते हैं और उनकी गुणवत्ता पर चयन कर संग्रह निकालते हैं. कोई शुल्क नहीं और रचनाकार को एक लेखकीय प्रति देते हैं.
अभी तक चार पुस्तकें
अवली
इन्नर
प्रभाती
बारहबाना
आ चुकीं.
नयी पुस्तक कथरी नाम से आने वाली है.
एक कविताओं की पुस्तक 51 कवियों वाली पुस्तक (नाम तय नहीं) भी आ रही.
पुस्तकों की सफलता और सकारात्मक चर्चाएँ आगे बढ़ने की प्रेरणाएँ देती हैं.
हमलोगों ने साझा संकलन में गुणवत्ता के आधार पर एक अलग स्थान बनाया है. उद्देश बहुत स्पष्ट है. नये रचनाकारों को स्थापित के साथ लाना, प्रोत्साहित करना. किसी अच्छी रचना को सबों के सामने लाना. रचनाकार का प्रकाशन में पैसा नहीं लगे.
शौकिया काम है जब तक चलता है चलाते हैं.
हमलोग पत्रिका नहीं निकालते, पूर्ण पुस्तक निकालते हैं और अनेक पुस्तकालयों में अपने खर्चों पर भेजते हैं इसलिए किसी भी पुस्तक हेतु रचनाओं के चुनाव के समय इस बात का ख्याल रखते हैं कि 15 वर्ष- 20 वर्ष बाद जब यह पुस्तक पढ़ी जाये तो रचनाएँ बिल्कुल साहित्यिक लगे. समय के साथ बीता हुआ नहीं लगे. डॉ. रजनी रमण कहते हैं कि कहानी सपाटबयानी नहीं होती, ऊबड़- खाबड़ रास्तों से गुजरती है.

“बारहबाना”पुस्तक की तरह ही नयी पुस्तक
“चदरिया झीनी रे झीनी” कहानी संग्रह लाने का प्रस्ताव है. इसमें भी बारह रचनाकार होंगे. अगर आपके पास कोई ऐसी अप्रकाशित कहानी है और लगता है कि 12 रचनाकारों में आप शामिल हो सकते हैं तो ईमेल [email protected] पर 03 जून,2021 से 06 जून, 2021 तक कहानी भेज सकते हैं.
याद रखें कि हमें वर्तमान राजनीति, कोरोना, लॉक डाउन,  इज्जत लूटने वाली, गाली गलौज, हिन्दू-मुस्लिम, धार्मिक या जाति विशेष आहत होने वाली रचना नहीं चाहिए. भेजने से पहले दो बार वर्तनी की जाँच अवश्य कर लें. अनेक बार वर्तनी की त्रुटि बहुत रहने के कारण भी रचना नहीं ले पाते. जो रचनाकार रचनाएँ अस्वीकृत होने पर असहज होते हों वो नहीं भेजें. किसी को दुःख पहुँचे हमलोग नहीं चाहेंगे.
चयनकर्ता का निर्णय ही मान्य होगा.

अतः आपके पास है कुछ नयी, अद्भुत, अप्रकाशित कहानी तो 03 जून, 2021 से 06 जून, 2021 के बीच ईमेल [email protected] पर भेज दें.
विषय में “चदरिया झीनी रे झीनी” हेतु कहानी लिखना नहीं भूलें.
कहानी भेजने की अंतिम तिथि- 06 जून, रविवार.
कहानी सामान्य कहानी संग्रह पुस्तक के 8 पेजों से 20 पेजों तक की हो सकती है.
ऊपर वर्णित विषयों की नहीं हो.
कोई शुल्क नहीं, एक लेखकीय प्रति मिलेगी.
अगर आप इस विधा के नहीं हैं और आप ऐसे किसी रचनाकार को जानते हैं तो आप उन्हें यह मैसेज अवश्य भेज दें. शायद आपके कारण उनकी रचना आ जाये. इस मैसेज को अन्य ग्रुपों में भेज सकते हैं.
आप सबों का स्वागत.
धन्यवाद.

बचपन से साहित्य पढ़ने का शौक. अनेक भाषाओं की पुस्तकें पढ़कर अपना विचार देना. तत्पश्चात पुस्तकों की समीक्षा करना. फिर लिखना प्रारम्भ. अब तक “अवली”, “इन्नर” “बारहबाना” और “प्रभाती” का सफल सम्पादन.