“बारहबाना” साझा कहानी संग्रह आ गयी

इस पुस्तक में बारह रचनाकारों की कहानियाँ हैं.

बारह रचनाकारों के नाम और कहानी का शीर्षक
श्री/ श्रीमती/सुश्री
सुषमा मुनीन्द्र – आइये, हालात पर गौर फरमायें।
राम नगीना मौर्य- उठ मेरी जान।
दिलीप कुमार जैन – जिजीविषा।
मंजरी शुक्ला- अम्मा।
रंजना फत्तेपुरकर- अंतहीन आस।
महेश शर्मा-उन्नति का अंधेरा।
सतीश सरदाना-एक अदद टॉयलेट बाथरूम।
रश्मि रविजा- होठों से आंखों तक का सफर।
नज़्म सुभाष -लेटर पैड।
विभूति भूषण झा- घरघाल.
अंजु खरबंदा- पंख होते तो.
डॉ लता अग्रवाल- अम्मा होते बाबूजी.

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बचपन से साहित्य पढ़ने का शौक. अनेक भाषाओं की पुस्तकें पढ़कर अपना विचार देना. तत्पश्चात पुस्तकों की समीक्षा करना. फिर लिखना प्रारम्भ. अब तक “अवली”, “इन्नर” “बारहबाना” और “प्रभाती” का सफल सम्पादन.