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यहाँ से बिना कोई शुल्क लिए साझा संकलन निकलते रहता है. रचनाकारों से निवेदन कर रचनाएँ लेते हैं. कोई शुल्क नहीं ली जाती है और कोई शर्त भी नहीं रहती है. मानदेय देने की स्थिति में नहीं हैं इसलिए एक लेखकीय प्रति उपहार में दी जाती है. हमलोग पत्रिका नहीं निकालते हैं. पूर्ण पुस्तक निकालते हैं जो पुस्तकालयों में भी निःशुल्क दी जाती है. हमलोग गाली गलौज, इज्जत लूटने वाली, कोरोना, हिन्दू- मुस्लिम, वर्तमान राजनीति, जातिगत और धार्मिक भावनाओं को ठेस लगने वाली रचना नहीं लेते हैं, ऐसी रचना बिलकुल नहीं चाहिए. रचना ऐसी हो जिसे अनेक वर्षों बाद भी पढ़ी जाये तो साहित्यिक और नयी लगे. पूरा का पूरा कार्य स्वयं के खर्च पर है. रचनाओं का चयन सिर्फ और सिर्फ रचनाओं पर ही है.
आने वाली पुस्तक हेतु अनुरोध किये जाने/ करने पर ही अपनी रचना उचित समय पर उचित विषय/ शीर्षक के साथ लिखकर ईमेल [email protected] पर भेजें, भेज सकते हैं.
कविता, कहानी, लघु कथा, लघुकथा, गीत, ग़ज़ल, छोटी कहानी का साझा संकलन पत्रिका नहीं बल्कि पूर्ण पुस्तक के रूप में निकालते हैं.
चार पुस्तकें “अवली”, “इन्नर”, “प्रभाती” और “बारहबाना” अभी तक सम्पादक श्री विभूति भूषण झा के सम्पादन में आ चुकी हैं. लगभग २४२ रचनाकार इसमें सम्मलित हुए हैं.
अभी श्रीमती माधुरी विभूति झा के सम्पादन में ५१ कवियों का कविता संग्रह “पल पल दिल के पास” आया. आपको विमोचन की जानकारी मिली ही होगी.
“चदरिया झीनी रे झीनी” 12 रचनाकारों का कथा संग्रह और “भौजिया” साझा संग्रह जिसमें कहानी, कविता, गीत, ग़ज़ल, लघु कथा है, आने वाला है.
अब तक आ चुकीं पाँच पुस्तकें-
आने वाली दोनों पुस्तकें-