पल पल दिल के पास” साझा कविता संग्रह का महिलाओं ने किया विमोचन

 गोसाई गाँव, नवगछिया में माधुरी झा द्वारा संपादित कविता संग्रह पुस्तक “पल पल दिल के पास” का महिलाओं ने विमोचन किया। माधुरी झा एवं विभूति भूषण झा स्वयं के खर्च पर स्थापित रचनाकारों के साथ नये रचनाकारों की रचनाओं को समाहित कर पुस्तक निकालते हैं। अभी तक अवली, इन्नर, बारहबाना और प्रभाती  नाम से चार पुस्तक ला चुके हैं। “पल पल दिल के पास” पुस्तक में सम्पूर्ण भारत के 51 रचनाकारों की रचनाएँ हैं। दो और पुस्तक “चदरिया झीनी रे झीनी” और भौजिया” आने को है। कार्यक्रम में माधुरी झा, मधुमति ठाकुर, बेली झा, संगीता ठाकुर, प्रिया झा, सरोज देवी, अतुल कुमार, कुमार गौरव, विभूति भूषण झा, तरुण कुमार, वरुण बाबुल और अनेक लोग मौजूद थे।

पल पल दिल के पास” काव्य संकलन का हुआ विमोचन

कहते हैं कि नारी शक्ति जो एक बार ठान ले उसे पूरा करके ही दम लेती है । कोरोना से दो बार संक्रमित होने के बावजूद श्रीमती माधुरी झा ने पुस्तक “पल पल दिल के पास” का संपादन किया। जिसका विमोचन गोसाई गाँव, नवगछिया में महिलाओं ने किया।

Alok Jha, Sudarshan News
  •  Oct 9 2022 8:20 AM
कहते हैं कि नारी शक्ति जो एक बार ठान ले उसे पूरा करके ही दम लेती है। कोरोना से दो बार संक्रमित होने के बावजूद श्रीमती माधुरी झा ने साझा कविता संग्रह पुस्तक “पल पल दिल के पास ” का संपादन किया। जिसका विमोचन
गोसाई गाँव, नवगछिया में महिलाओं ने किया।
इस मौके पर सुदर्शन न्यूज से खास बातचीत करते हुए माधुरी झा ने कहा कि मेरे लिए बड़ा मुश्किल हो गया था क्योंकि दो बार कोरोनो संक्रमित हो गयी थी । शरीर कमजोर हो गया था लेकिन फिर भी माँ दुर्गा , अपने कुलदेवी माँ का आशीर्वाद और मेरे पति श्री विभूति भूषण झा के सहयोग से आज इस पुस्तक का विमोचन हो पाया। इस पुस्तक में देश भर के जाने माने रचनाकारों की कवितायें हैं जिसे सबके सामने इस पुस्तक के द्वारा लाया गया है ।
आपको बता दें कि माधुरी झा एवं विभूति भूषण झा स्वयं के खर्च पर स्थापित रचनाकारों के साथ नये रचनाकारों की रचनाओं को समाहित कर पुस्तक निकालते हैं। अभी तक अवली, इन्नर, बारहबाना और प्रभाती  नाम से चार पुस्तक ला चुके हैं। “पल पल दिल के पास” पुस्तक में सम्पूर्ण भारत के 51 रचनाकारों की रचनाएँ हैं। दो और पुस्तक “चदरिया झीनी रे झीनी” और भौजिया” आने को है। कार्यक्रम में मधुमति ठाकुर, बेली झा, संगीता ठाकुर, प्रिया झा, सरोज देवी, अतुल कुमार, कुमार गौरव, विभूति भूषण झा, तरुण कुमार, वरुण बाबुल और अनेक लोग मौजूद थे।

बचपन से साहित्य पढ़ने का शौक. अनेक भाषाओं की पुस्तकें पढ़कर अपना विचार देना. तत्पश्चात पुस्तकों की समीक्षा करना. फिर लिखना प्रारम्भ. अब तक “अवली”, “इन्नर” “बारहबाना” और “प्रभाती” का सफल सम्पादन.