12 रचनाकारों का कथा संग्रह “कन्सार” हेतु रचनाएँ आमंत्रित

अभी तक 242 रचनाकारों की रचनाओं से सुसज्जित चार पुस्तकें
अवली,
इन्नर,
प्रभाती और
बारहबाना आ चुकीं.
आने वाली तीनों पुस्तकों
51 कवियों का कविता संग्रह (पल पल दिल के पास),
“कथरी” छोटी कहानी/लघुकथा संग्रह और
“चदरिया झीनी रे झीनी” कहानी संग्रह
के बाद एक पुनः 12 रचनाकारों का कथा संग्रह “कन्सार” आयेगा. इसमें कुछ ही जगह शेष हैं.

श्री झा बहुत दिनों से साहित्य में सक्रिय नहीं हैं अतः पूर्व की पुस्तकों की तरह सम्पादक श्रीमती माधुरी विभूति झा ही होंगी.

आपसे आग्रह / निवेदन कि अपनी अप्रकाशित रचना तत्काल “कंसार” पुस्तक हेतु लिखकर [email protected] पर भेज दें.
आप सभी जानते हैं कि यहाँ से पत्रिका नहीं निकलती है. पूर्ण पुस्तक निकलती है. पुस्तक अनेक साहित्यप्रेमियों और पुस्तकालयों को भेजी जाती है.

कोई शुल्क नहीं और एक लेखकीय प्रति रजिस्ट्री से भेजी जाती है. हमलोगों का स्पष्ट मानना है कि रचनाकारों का पैसा नहीं लगना चाहिए. कोई शुल्क नहीं है तभी पुस्तकों की गुणवत्ता भी है. पाठक दिनों दिन बढ़ रहे.

रचनाएँ भेजने हेतु पोर्टल बहुत कम समय के लिए खुली रहेंगी.
इच्छुक रचनाकार अपनी अप्रकाशित रचनाएँ, मौलिकता प्रमाणपत्र के साथ भेजें.  कुछ खास विषयों की रचनाओं को हमलोग नहीं लेते.

हमें गाली गलौज, इज्जत लूटने वाली, कोरोना, हिन्दू- मुस्लिम, वर्तमान राजनीति, जातिगत और धार्मिक भावनाओं को ठेस लगने वाली रचना नहीं चाहिए, नहीं चाहिए. रचना ऐसी हो जिसे अनेक वर्षों बाद भी पढ़ी जाये तो साहित्यिक और नयी लगे.

विश्व  के 14 देशों के हिंदी साहित्य प्रेमी इस वेबसाइट को विजिट करते हैं. वेबसाइट पर आप अपना विचार अवश्य लिखें. आपके कमेंट करने के थोड़ी देर बाद आपका पोस्ट नीचे दिखने लगेगा.

धन्यवाद.

-टीम कंसार, कैंप- हैदराबाद.

बचपन से साहित्य पढ़ने का शौक. अनेक भाषाओं की पुस्तकें पढ़कर अपना विचार देना. तत्पश्चात पुस्तकों की समीक्षा करना. फिर लिखना प्रारम्भ. अब तक “अवली”, “इन्नर” “बारहबाना” और “प्रभाती” का सफल सम्पादन.