विभूति भूषण झा को मिला एफ डब्लू ए, दिल्ली द्वारा हिंदी साहित्य हेतु पुरस्कार

गोसाइँ गाँव, नवगछिया निवासी विभूति भूषण झा को दिल्ली की संस्था ‘फेडरेशन फ़ॉर वर्ल्ड अकेडेमिक्स’ द्वारा आयोजित विशेष समारोह में हिंदी साहित्य में रचनात्मक नये विचारों और नयी प्रतिभाओं को बढ़ावा देने हेतु “क्रिएटिव न्यू आईडिया एंड प्रोमोटिंग न्यू टैलेंट्स इन हिंदी लिटरेचर” का पुरस्कार नयी दिल्ली के पाँच सितारा ली मेरिडियन होटल में 9 अक्टूबर, 21 को दिया गया। इन्हें यह पुरस्कार हिन्दी साहित्य में नया विचार और सफल प्रयोग करने हेतु दिया गया है। इन्होंने साहित्य का मॉल पुस्तक के रूप में बनाया, यानी एक ही पुस्तक में कहानी, लघुकथा, कविता, गीत और ग़ज़ल देकर पूरे परिवार के लिए एक साहित्यिक पैकेज का निर्माण किया।  सम्पूर्ण भारत के स्थापित रचनाकारों से उनकी रचनाएँ लेकर, नये अच्छे रचनाकारों को स्थापित रचनाकारों के साथ लाकर, अपने खर्चे पर एक मंच प्रदान किया. रचनाओं को पत्रिका नहीं बल्कि पुस्तक के रूप में निकाला। इनका मानना है कि पत्रिका को लोग अगले महीने रद्दी में बेच देते हैं लेकिन पुस्तक वर्षों तक संभाल कर रखते हैं। “अवली” और “इन्नर” नाम से साझा संग्रह बहुत चर्चा में है। इनके संपादन में “बारहबाना” और “प्रभाती” नाम से दो पुस्तकें और आ चुकी हैं। तीन पुस्तकें “पल पल दिल के पास”, कथरी और चदरिया झीनी रे झीनी” कहानी संग्रह आने को है. पुरस्कार से नवगछिया और इलाके के साहित्यप्रेमी हर्षित हैं। भारद्वाज परिवार, गोसाइँ गाँव के गणमान्य व्यक्तियों और शुभेक्षुकों ने बधाई दी है।

बचपन से साहित्य पढ़ने का शौक. अनेक भाषाओं की पुस्तकें पढ़कर अपना विचार देना. तत्पश्चात पुस्तकों की समीक्षा करना. फिर लिखना प्रारम्भ. अब तक “अवली”, “इन्नर” “बारहबाना” और “प्रभाती” का सफल सम्पादन.