पुस्तक “इन्नर”, “बारहबाना” और “प्रभाती” का हुआ विमोचन

गोसाइँ गाँव, नवगछिया में विभूति भूषण झा द्वारा सम्पादित हिन्दी साहित्य की पुस्तकों इन्नर, बारहबाना और प्रभाती का एक सादे समारोह में महिलाओं ने विमोचन किया। ज्ञात हो कि संपादक स्वयं के खर्च पर नये और स्थापित रचनाकारों की रचनाओं को समाहित कर पुस्तक निकालते हैं. यह कार्यक्रम सिर्फ महिलाओं के द्वारा होने के कारण अनूठा था। मौके पर सम्पादक विभूति बी. झा ने कहा कि यह कार्य माताजी के कहने पर पुस्तक अवली से प्रारम्भ होकर यहाँ तक पहुँचा है. अभी तीन पुस्तकें पल पल दिल के पास, कथरी और चदरिया झीनी रे झीनी आने को हैं. श्रीमती मधुमति ठाकुर ने कहा कि महिलाएँ अब गाँव और घूँघट में ही सीमित नहीं रहती है. गाँव में रहकर भी साहित्य का कार्य कर सकती हैं. कार्यक्रम में श्रीमती बेली झा, माधुरी झा, प्रिया कुमारी, रूपम कुमारी, संगीता कुमारी, तरुण कुमार, ममता झा, अमरनाथ, सरोज देवी, कुमार गौरव, गौतम और अन्य लोग उपस्थित थे।

बचपन से साहित्य पढ़ने का शौक. अनेक भाषाओं की पुस्तकें पढ़कर अपना विचार देना. तत्पश्चात पुस्तकों की समीक्षा करना. फिर लिखना प्रारम्भ. अब तक “अवली”, “इन्नर” “बारहबाना” और “प्रभाती” का सफल सम्पादन.