नयी पुस्तक का आगमन

अभी तक 242 रचनाकारों की रचनाओं से सुसज्जित चार पुस्तकें
अवली,
इन्नर,
प्रभाती और
बारहबाना आ चुकीं.
आने वाली तीनों पुस्तकों
51 कवियों का कविता संग्रह (पल पल दिल के पास),
“कथरी” छोटी कहानी/लघुकथा संग्रह और
“चदरिया झीनी रे झीनी” कहानी संग्रह
के बाद एक पुनः 12 रचनाकारों का कथा संग्रह “कन्सार” आयेगा.

फिर हमलोग जहाँ से शुरू हुए थे वैसी ही एक पुस्तक पुनः लाने की योजना बन रही, अर्थात एक ही पुस्तक में बड़ी कहानियाँ, छोटी कहानियाँ/ लघुकथाएँ, कविताएँ और ग़ज़लें होंगी, “अवली” और “इन्नर” की तरह.
किसी दिन नाम सूझा और कार्य प्रारम्भ हो जायेगा. नाम “भौजिया” भी हो सकता है.
संभवतः 21 दिसम्बर, 2021 को घोषणा होगी.

आप सबों से आग्रह / निवेदन कि अपनी अप्रकाशित रचना 21 दिसम्बर, 2021 से 31 दिसम्बर, 2021 तक “भौजिया” पुस्तक हेतु लिखकर [email protected] पर भेज दें.
आप सभी जानते हैं कि यहाँ से पत्रिका नहीं निकलती है. पूर्ण पुस्तक निकलती है. पुस्तक अनेक साहित्यप्रेमियों और पुस्तकालयों को भेजी जाती है.

कोई शुल्क नहीं और एक लेखकीय प्रति रजिस्ट्री से भेजी जाती है. हमलोगों का स्पष्ट मानना है कि रचनाकारों का पैसा नहीं लगना चाहिए. कोई शुल्क नहीं है तभी पुस्तकों की गुणवत्ता भी है. पाठक दिनों दिन बढ़ रहे.

रचनाएँ भेजने हेतु पोर्टल इतने ही दिन खुली रहेंगी.
इच्छुक रचनाकार अपनी अप्रकाशित रचनाएँ रखें. एक व्यक्ति एक से ज्यादा विधा में भेज सकता है. कुछ खास विषयों की रचनाओं को हमलोग नहीं लेते.

हमें गाली गलौज, इज्जत लूटने वाली, कोरोना, हिन्दू- मुस्लिम, वर्तमान राजनीति, जातिगत और धार्मिक भावनाओं को ठेस लगने वाली रचना नहीं चाहिए, नहीं चाहिए. रचना ऐसी हो जिसे अनेक वर्षों बाद भी पढ़ी जाये तो साहित्यिक और नयी लगे.

विश्व  के 14 देशों के हिंदी साहित्य प्रेमी इस वेबसाइट को विजिट करते हैं.

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धन्यवाद.

बचपन से साहित्य पढ़ने का शौक. अनेक भाषाओं की पुस्तकें पढ़कर अपना विचार देना. तत्पश्चात पुस्तकों की समीक्षा करना. फिर लिखना प्रारम्भ. अब तक “अवली”, “इन्नर” “बारहबाना” और “प्रभाती” का सफल सम्पादन.