समीक्षा- “कुछ अधूरी बातें मन की” – कविता संग्रह- श्री मनीष मूंदड़ा
बहुत जल्द यहीं
बचपन से साहित्य पढ़ने का शौक. अनेक भाषाओं की पुस्तकें पढ़कर अपना विचार देना. तत्पश्चात पुस्तकों की समीक्षा करना. फिर लिखना प्रारम्भ. अब तक “अवली”, “इन्नर” “बारहबाना” और “प्रभाती” का सफल सम्पादन.