नमस्ते,
“प्रभाती” कविता संग्रह हेतु रचनाओं का चयन, कवर और ISBN का कार्य पूर्ण हुआ. ज्ञात हो कि खुले रूप में रचनाएँ लेकर उत्तम रचनाओं का चयन करते हैं. किसी से कोई सीधा परिचय नहीं है. जिनकी रचना नहीं ली जाती उनकी नाराजगी भी सहते हैं.
कोई शर्त या कोई शुल्क (कूरियर चार्ज भी नहीं) नहीं है. स्वयं के खर्च पर पुस्तक निकालते हैं और लेखकीय प्रति देते हैं.
निम्नलिखित रचनाकारों की रचनाओं का चयन हुआ है.
सभी रचनाकारों को बधाई, शुभकामनाएँ, बहुत-बहुत धन्यवाद, आभार.
“प्रभाती”- साझा कविता संग्रह के चयनित 70 रचनाकार
श्री/श्रीमती/सुश्री————— स्थान – रचना का शीर्षक
1 | लाल देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव | बस्ती | मेरी है अभिलाषा | |
2 | रूणा रश्मि | राँची | शिव विवाह | माँ की ममता |
3 | रोहित ठाकुर | पटना | लापता होती औरतें | सुख और दुःख |
4 | प्रतिभा सिंह | आजमगढ़ | सुनो गांधारी | |
5 | गीता गुप्ता मन | लखनऊ | नदी | |
6 | कांता घिल्डियाल | देहरादून | प्रेम | |
7 | सत्य शील राम त्रिपाठी | गोरखपुर | सत्य के दोहे | |
8 | अनुपमा भगत | राँची | मैं स्त्री हूँ | |
9 | ऋषिकेश घटारे | अमरावती | अभी बिकने का हूँ | |
10 | डॉ मुख़्तार अहमद | नर्तक है भूख | ||
11 | राज कुमार जैन राजन | चित्तौरगढ़ | उन्मूलन | |
12 | मंजू रहेजा | बेटी बोझ नहीं | ||
13 | आर एस प्रीतम | भिवानी | नारी अब अबलापन छोड़ो | |
14 | सारिका भूषण | राँची | एक कप चाय पी लो | |
15 | कृष्ण कुमार यादव | वाराणसी | गुर्दा | |
16 | अंजना चड्ढा | जयपुर | अन्नपूर्णा सी औरत | |
17 | किशोर दिवसे | पुणे | मेरी जीवन संगिनी | |
18 | शोभा गोयल | जयपुर | भाभी | |
19 | संगीता पाण्डेय | अंबिकापुर | प्रेम गीत | |
20 | कंचन झारखंडे | भोपाल | बिन पैसो की गुल्लक | |
21 | मनीषा रानी वर्मा | बुलंदशहर | जिंदगी | |
22 | दीक्षा मिश्रा | फतेहपुर | उ.प्र. से क्या लायें | |
23 | तारा सिंह अंशुल | लखनऊ | मैं मोहब्बत हूँ | |
24 | डॉ दलजीत कौर | चंडीगढ़ | लापता है बसंत | |
25 | अनीता रश्मि | राँची | ताखे पर दीया | |
26 | उर्मिला शर्मा | हजारीबाग | पथराती आँखें | मंजर बदल गया |
27 | मृणाल आशुतोष | समस्तीपुर | प्रेम | आँखें |
28 | अनिल अयान | सतना | दर्द जो अपरिभाषित सहे | लंबा है सफर मुस्कुराना सखे |
29 | संजय शांडिल्य | हाजीपुर | उस घाट का कोई नाम नहीं | आदमी |
30 | आयुषी अग्रवाल | मुरादाबाद | वेदना | |
31 | अंकुर शुक्ल अनंत | कानपुर नगर | हार नहीं मानी | |
32 | ममता शर्मा अंचल | अलवर | मासूम मुहब्बत | छलना सिखा दिया |
33 | अमित कुमार | गिरिडीह | उसके दुःख | |
34 | अंजू खरबंदा | दिल्ली | आदमी | |
35 | चंद्रेश छतलानी | उदयपुर | ना जाने क्यों | |
36 | गीता पति | तेरी आदत सी हो गयी है | ||
37 | ऋचा पाण्डेय | घर के कोने | ||
38 | निमिषा सिंघल | आगरा | नैसर्गिक सुंदरता | |
39 | भारती शर्मा | मथुरा | काश कि वह भूल जाये | |
40 | रंगनाथ द्विवेदी | जौनपुर | गुलमोहर | |
41 | प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी | लखनऊ | काश ऐसी सुबह भी आती कभी | |
42 | राकेश कुशवाहा ‘ऋषि’ | दिल्ली | कूड़ा बीनने वाली का बच्चा | |
43 | रजनी रमण झा | बीकानेर | आगे भी चौराहा ही है | ठोस तरल गैस |
44 | अयाज़ खान | छिन्दवाड़ा | चाय में जहर | |
45 | डॉ आशा सिंह | आजमगढ़ | दो कविताएँ | दीप |
46 | डॉ अनीता सिंह | पुदुचेरी | उदास शामें | |
47 | लक्ष्मीकांत मुकुल | बक्सर | 22 वीं सदी में | |
48 | ममता गिनोडिया | जोरहट | गोपी संवाद | |
49 | डॉ योगेश अहिरवाल | छिंदवाड़ा | प्रियतमा का समर्पण | |
50 | राम मूरत ‘राही’ | इंदौर | जिन्दा हैं संवेदनाएँ | |
51 | अनीता तिवारी | सिलीगुड़ी | कचरा वाला बच्चा | |
52 | कोमल सोनी | जयपुर | सुनो शोषको | |
53 | विजयानंद विजय | बक्सर | रिश्ते छाले | |
54 | विपिन इलाहाबादी | प्रयागराज | चिल्लर | |
55 | प्रतिभा भारद्वाज प्रभा | मथुरा | परिवार | |
56 | रिया अग्रवाल | फरीदाबाद | प्रेम स्वप्न | स्त्री का प्रेम |
57 | संतोष सुपेकर | उज्जैन | मान गयी माँ | |
58 | जमीला खातून | झाँसी | इंतज़ार | |
59 | मुकेश तिरपुडे | दुर्ग | जगना होगा रोज़ सुबह | जिन्दगी |
60 | स्मृति चौधरी | प्यार | ||
61 | सरिता सैल | कर्नाटक | ईश्वर | |
62 | कुणाल सिंह | प्रयाग राज | ख़्वाबों का परिन्दा | |
63 | सिद्धेश्वर | पटना | पिता | |
64 | कृष्ण सुकुमार | रुड़की | तमाम रात | कहाँ हूँ मैं |
65 | देवांशु | दिल्ली | गोविन्द पाद के सम्मुख शंकर | बद्रीनारायण में आदि शंकर |
66 | डॉ लता अग्रवाल | भोपाल | हस्ताक्षर थे पिता | |
67 | सतीश कुमार सरदाना | गुडगाँव | क्या अबके बरस | |
68 | नज़्म सुभाष | लखनऊ | कब भूल पाता हूँ | |
69 | अवधेश कुमार सिन्हा | मुजफ्फरपुर | दो मुँहे इन्सान |
70. श्री नारायण झा- दिल्ली- लगन और मेहनत.
मेरी रचना के चयन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ??
धन्यवाद. बधाई.
बहुत-बहुत धन्यवाद सर कि आपने मेरी रचना को इस काव्य कलश की एक बूंद बनने का सौभाग्य दिया साथ ही अन्य चयनित अपने साथी रचनाकारों को भी हमारी ढ़ेरो शुभकामना ??????
धन्यवाद. बधाई.