बचपन से साहित्य पढ़ने का शौक. अनेक भाषाओं की पुस्तकें पढ़कर अपना विचार देना. तत्पश्चात पुस्तकों की समीक्षा करना. फिर लिखना प्रारम्भ. अब तक “अवली”, “इन्नर” “बारहबाना” और “प्रभाती” का सफल सम्पादन.
2 Comments
Prafulla Kumar Tripathi
January 23, 2021 1:52 pm
प्रिय झा जी,नमस्कार।
क्या मैं आपके प्रस्तावित संकलन हेतु अपनी लघुकथा भेज सकता हूं?
आपका,
प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी
प्रिय झा जी,नमस्कार।
क्या मैं आपके प्रस्तावित संकलन हेतु अपनी लघुकथा भेज सकता हूं?
आपका,
प्रफुल्ल कुमार त्रिपाठी
नमस्ते.अवश्य.