साहित्यकार श्री कुलदीप राघव का साक्षात्कार आने में विलम्ब है. अचानक उनकी व्यस्तता बढ़ने के कारण साक्षात्कार नहीं आ पाया.

बचपन से साहित्य पढ़ने का शौक. अनेक भाषाओं की पुस्तकें पढ़कर अपना विचार देना. तत्पश्चात पुस्तकों की समीक्षा करना. फिर लिखना प्रारम्भ. अब तक “अवली”, “इन्नर” “बारहबाना” और “प्रभाती” का सफल सम्पादन.